दोस्ती करना हर किसी के बस की बात नही,
ये उनका काम नही जिनके दिल में जज़्बात नहीं
दोस्त रूठे तो मनाना पड़ता है,दिल दुखे तो भी मुस्कुराना हर किसी के बस की बात नहीं
दोस्त मिलते ही भूल जाते हैं सब गिले शिकवे एक पल में,
पर उस एक पल को भुलाना इतना आसान नहीं
वो क्या जाने दोस्ती किसे कहते हैं,ये वो चाल है जिसकी कोई मात नही
जिनके पास् है ये दौलत, उनकी नज़रों में खजानो की कोई औकात नहीं
दिल ना दुखना किसी दोस्त का कभी, क्युन्की इसकी माफ़ी तो खुदा के भी पास् नहीं
ये उनका काम नही जिनके दिल में जज़्बात नहीं
दोस्त रूठे तो मनाना पड़ता है,दिल दुखे तो भी मुस्कुराना हर किसी के बस की बात नहीं
दोस्त मिलते ही भूल जाते हैं सब गिले शिकवे एक पल में,
पर उस एक पल को भुलाना इतना आसान नहीं
वो क्या जाने दोस्ती किसे कहते हैं,ये वो चाल है जिसकी कोई मात नही
जिनके पास् है ये दौलत, उनकी नज़रों में खजानो की कोई औकात नहीं
दिल ना दुखना किसी दोस्त का कभी, क्युन्की इसकी माफ़ी तो खुदा के भी पास् नहीं