Sunday 19 March 2017

****होली आई ****

आई देखो होली आई, खुशियों की फुहार है लायी |
कोई लगाए लाल गुलाल, तो किसीने चुनर हरी रंगायी ||
कोई छिप जाए डाल रंग, तो किसी ने पिचकारी छिपाई |
कहीं खुशियों के रंग, तो कहीं है दुख के बादल  छाए ||
रंग बिरंगे चेहरे निखरे, खुशी हर चेहरे पर छायी |
मिला दें जो रंग दिलों को, ऐसे रंग प्यार के लायी ||
आओ मिल जाए इन रंगो से, जिसकी नहीं है कोई रंगाई |
मिलकर गीत खुशी से गये, देखो देखो होली आई ||

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