Sunday 15 November 2015

*********शुभ दीपावली ****************

आओ खुशी के दीप जलायें,
सब मिल मंगल गाना गायें,
फल, मीठा और मेवा खायें,
मिलकर सब दिवाली मनायें

सब्र, ज्ञान का दीप जलायें,
मन के तमस को दूर भगायें,
बिखरी है जो दूर रोशनी,
उसको मन  के भीतर लायें
गर मिले गरीबी का अंधियारा,
अपनेपन से  उसे मिटायें
जगमग- जगमग चकाचौंध से,
पथ से अपने भटक ना जायें,
अपनी अभिलाषाओं  के चलते,
अपनो को हम  भूल ना जायें
करें ना हम अभिमान कभी भी,
सब पर अपना प्यार लुटायें
खूब जलायें पटाके,फुलझड़ी
पर कभी किसी का दिल ना जलायें
स्वागत  करो लक्ष्मी गणेश का,
करो प्रार्थना शुभ- लाभ वो लायें,

एक अजनबी हसीना से

 Learn to pronounce एक अंजनबी हसीना से ... झील सी आंखों मे उसकी डूब के यूँ रह गया  जुल्फों के साए में कहीं खो गया झीलजैसे चेहरे पर चं...