Sunday 11 August 2019

एक अजनबी हसीना से

 Learn to pronounce

एक अंजनबी हसीना से ...
झील सी आंखों मे उसकी डूब के यूँ रह गया
 जुल्फों के साए में कहीं खो गया
झीलजैसे चेहरे पर चंदिनी का पहरा हो जैसे हो कोई गजल
एक अंजनबी हसीना से ...
उसकी आंखें में कशिश जाने थी किस बात की
लुटा मेरा, दिलऔर चैन ओ करार
उसकी हंसी और उसकी अदा को करता रहुँ यूँही प्यार हम्म हम्म
 एक अंजनबी हसीना से ...
बात दिल की दिल में है होंठो पे आती नहीं उसको कहुँ क्या कोई बतलाए जानेमन  कहुँ या कहुँ ए हसीना
दिल ना समझ पाए हो हो
एक अंजनबी हसीना से ...।
पास वो आये मेरे चाहे दिल अब ये मेरा
 हो ना जुदा हम फिर कभी मेरे यार
खो जाएबो मुझमेंऔर उस पे हो जाऊं फ़ना  कहता ये दिल बारबार ही हो हो
 एक अंजनबी हसीना से ...

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