Sunday 19 March 2017

****गलती ****

गलती किसकी है? जो कह दे, और चल दे।
या फिर उसकी जो सुन ले, और सह लें।।
कहना- सुनना तो एक रस्म है,  ऐ दोस्त
हाँ! गलती उसकी है, जो इसे दिल पर ले।।
मतलब परस्त दुनिया है ये, इतने हल्के में ना ले।
साया भी सुना जाएगा तेरा, वक्त तो बदलने दें।।
कहकर उसने सोचा कुछ बोझ हल्का हुआ।
क्या फर्क पड़ता है, दूजा किस अंदाज में ले।।
किसी के दिल पे क्या गुजरी, यह भी तो सोच लें।
हँसा कि रोया कभी उससे यह भी तो पूछ लें।।

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