Saturday 10 August 2019

***यकीन***

क्या यकीन करूं इस इस मतलब परस्त
दुनिया  में किसी का,
जहां प्यार भी सरेआम बदल जाता है|
कहने को तो वो जाते है खुदा के पास रोज़,
पर उनका रोज ही भगवान बदल जाता है|

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