शब्द नहीं वो जिनमें तेरी, हस्ती का गुणगान करूँ|
चाह यही हर एक जनम में, तुझको ही माँ स्वीकार करूँ||
भले ना जन्मी तेरी कोख से, पर तुमने वो प्यार दिया|
आज तुम्हारी याद में ए माँ,अश्रुधारा से प्रकट मैंने आभार किया||
चाह यही हर एक जनम में, तुझको ही माँ स्वीकार करूँ||
भले ना जन्मी तेरी कोख से, पर तुमने वो प्यार दिया|
आज तुम्हारी याद में ए माँ,अश्रुधारा से प्रकट मैंने आभार किया||
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