Saturday 10 August 2019

***माँ***

शब्द नहीं वो जिनमें तेरी, हस्ती का गुणगान करूँ|
चाह यही हर एक जनम में, तुझको ही माँ स्वीकार करूँ||
भले ना जन्मी तेरी कोख से, पर तुमने वो प्यार दिया|
आज तुम्हारी याद में ए माँ,अश्रुधारा से प्रकट मैंने आभार किया||

No comments:

Post a Comment

एक अजनबी हसीना से

 Learn to pronounce एक अंजनबी हसीना से ... झील सी आंखों मे उसकी डूब के यूँ रह गया  जुल्फों के साए में कहीं खो गया झीलजैसे चेहरे पर चं...